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Dr Alka Mehta

Tragedy

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Dr Alka Mehta

Tragedy

जीवन का आधार

जीवन का आधार

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यह तेरा है और वह मेरा है ये विचार निराधार है,

सारी धरती अपना परिवार है ये सोच ही 

जीवन का आधार है,


वसुधैव कुटुंबकम एक बहुत सुन्दर विचार है ,

यहाँ इस धरती पर सबका सामान अधिकार है,

जीओ और जीने दो से उजागर ये संसार है,

कई युगों से मानव ही मानव पर जमा रहा अधिकार है,

वसुधैव कुटुंबकम से होता मानवीय परम्पराओं का विस्तार है,

हर धर्मप्रचारक भी यही है कहता सारी धरती हमारा ही परिवार है,

जीओ और जीने दो से जीवन में बहार है ,


वसुधैव कुटुंबकम एक बहुत सुन्दर विचार है ,

ये तेरा है वह मेरा है में पड़कर बँट जाते कई परिवार हैं,

देखो ये सूरज,चाँद ,तारे और ब्रह्माण्ड सब मिलकर एक सार हैं,

नदियाँ, नाले , तालाब और झरने भी तो समंदर का परिवार हैं,

कितनी विषमताओं और कितनी ही आलोचनाओं से भरा 

हुआ संसार है ,

विवध हैं पर सुन्दर हैं सब रचनाएँ उसकी रब सचमुच में 

एक महान कलाकार है,

जीओ और जीने दो से जीवन में बहार है,

तुम मुझसे अलग मैं तुमसे अलग हो सकते हैं

रूप -रंग में,

पर एक ही अलौकिक प्रेम ज्योति विद्यमान है तुझमें मुझमें ,

जिसने यह समझ लिया और किया यही स्वीकार है,


वसुधैव कुटुंबकम एक बहुत सुन्दर विचार है,

अपना-अपना स्वार्थ लेकर टूट जाने में नहीं

है विशेषता ,

सफलता के लिए चाहिए अनेकता में एकता,

एकता न होगी तब तक जब तक टूटेंगे 

नहीं विचारों के बंधन,

करना होगा खूब विचार और मंथन,

कि इन बंधनों को तोड़ने के लिए हम तैयार हैं,

जीओ और जीने दो से जीवन में बहार है,

वसुधैव कुटुंबकम ही जीवन का आधार है,

टूटेंगे नहीं फिर घर और परिवार ,

न होंगे कहीं भी दंगे और फ़साद ,

सभी कुरीतिओं से होगा समाज आज़ाद,

होगा समाज आज़ाद तब होगी देश कि तरक्की,

देश न टूटे, घर न टूटे न टूटे परिवार,

हर दिल अपना ले यही विचार,


वसुधैव कुटुंबकम एक बहुत सुन्दर विचार है ,

एक-एक जुड़ा लकड़ी क्या होती नदिया पार है ,

जुड़ जाये तो होती नाव तैयार है ,

नाव में बैठकर होते नदिया पार है ,

जीवन सागर भी पर होगा जब होगा ये विचार है ,

जीओ और जीने दो से जीवन में बहार है ,

छोटी -छोटी बातों में रहते क्यों लड़ने को तैयार हैं ,

बटें हुए हो दिल तो हर वक्त हाथ में तलवार है ,

कभी कुरीति कभी धरम लड़ने का आधार है ,

क्यों नहीं अपनाते सादा सा विचार,

विश्वशांति का भी यही आधार है ,

वसुधैव कुटुंबकम ही बहुत सुन्दर विचार है 

वसुधैव कुटुंबकम एक बहुत सुन्दर विचार है .



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