जीने की जद्दोजहद!!!
जीने की जद्दोजहद!!!
सभी ने अपने जीवन से जोड़ी है अलग ही उम्मीद,
जिसको पूर्ण करने की राह में कभी हो जाते है शहीद
कर्मों के संग चल पड़ते हैं पूरे करने अपने लक्ष्य,
हर मोड़ पे अपने काबिलीयत के लिए देनी पड़ती है साक्ष्य।
इस दुनिया में जीने के नियम कितने है निराले,
दिनचर्या में चलते है न जाने कितने मसले
तूफानी मझदार पे अगर नौका लगे पार तो मिलते है हौसले,
और कभी पार न कर पाए तो सभी से कर लेते है फासले।
जरूरी नहीं ख्वाबों के पूरे होने पे मिले गुलाब की पंखुड़ियाँ,
उनको पूरा करते करते जुड़ जा
ती है पुराने यादों की सिसकियाँ
हर दर्द का मर्ज आँसू संग नहीं बह जाता,
कुछ ज़ख्म के दाग कामयाबी के संग भी रह जाता।
जनम के समय आत्मा थी कितनी आनंद विभोर,
आज के जीवनशैली ने इसमें भी मचा दिया है शोर
चारों और धर्म, जाती, अमीरी, गरीबी की बन गयी है दीवार,
क्या इन सभी के लिए जन्मा था ये जीवन रूपी संसार ?
दोस्तों, जब खुद की ज़िन्दगी हो कुछ आम,
तो कर दो इसको पूरे तरीके से अपनों के नाम
जब हो तुम्हारा जीवन कुछ ख़ास,
तो मौज मस्ती में न करो इसको पूर्ण नाश।