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Neha Kumari

Abstract Inspirational Others

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Neha Kumari

Abstract Inspirational Others

जिद़ करो

जिद़ करो

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दुनिया नहीं चाहती कि आपकी पूरी हो कोई उम्मीद,

इसीलिए आप खुद से करो यह जिद।

ज़िद करो कि खुशियों से भरा हो हर एक दिल,

ज़िद करो कि हर राही को मिले उसका मंजिल।

ज़िद करो कि फिर से हंसता हुआ सभी का हो चेहरा,

ज़िद करो कि सभी के सिर पर हो सुस्वास्थ्य रूपी सेहरा।

ज़िद करो कि दुनिया में ना हो कोई बेसहारा,

ज़िद करो कि सभी के बीच एक रिश्ता हो प्यारा- प्यारा।

ज़िद करो कि टूट जाए भ्रष्टाचार के सारे जाल,

ज़िद करो कि सूखे ना कभी प्रेम की नदियां और ताल।

ज़िद करो कि सबकी जिंदगी बन जाए फिर से खुशहाल।

मुस्कुराती हुई जिंदगी बन जाए एक नई मिसाल,

और हर एक बच्चा बन जाए यहां कृष्ण -गोपाल।

ना हो उनके सामने कोई भी ऐसी मजबूरी,

ज़िद करो कि हमेशा के लिए मिट जाए बाल मज़दूरी।

ज़िद करो कि फट जाए वह झूठ का गागर,

ज़िद करो कि चहूं ओर बहे सच्चाई का सागर।

ज़िद करो कि कोई भी हाथ ना रहे निष्काम,

ज़िद करो कि हर सुबह का हो एक सुनहरा शाम।

जिद़ करो कि हर बच्चा करें लेखन -काम,

और हर भाइयों के बीच रिश्ता हो मानो लक्ष्मण -राम, कृष्ण -बलराम।

ज़िद करो कि सब के पूरे हो अरमान,

ज़िद करो कि भारत मां का का बढ़ता रहे सम्मान।

ज़िद करो कि भूखा ना हो किसी का पेट,

ज़िद करो कि यूं ही लहलहातीं रहें यहां के खेत।

ज़िद करो कि यूं ही करते रहे बच्चे अठखेलियां,

ज़िद करो कि हर दिन खिले नई- नई कलियां,

यूं ही मचती रहे यहां रंगरलियां।

यूं ही बनी रहे रिश्तों की यहां टोलियां।

ज़िद करो कि सच्चे मन से जिद करने की आदत बन जाए।

ज़िद करो कि हर एक सच्ची ज़िद सब की इबादत बन जाए।।



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