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Neha Kumari

Inspirational Others

4.5  

Neha Kumari

Inspirational Others

पहले पढ़ाई फिर विदाई।

पहले पढ़ाई फिर विदाई।

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मेरी राह तो अभी शुरु हुई है, मंजिल भी अभी दूर है।

मैं बेटी हूं इसीलिए मेरी बिदाई कर दोगे क्या यही मेरी कसूर है।

इस छोटी सी उम्र में मुझे भी पढ़ने दो।

मैं भी आगे बढ़ना चाहती हूं मुझे भी बढ़ने दो।

ससुराल की जली रोटियां मुझे अभी नहीं है खानी,

हथकड़ियों जैसी लाल चूड़ियां मुझे अभी नहीं पहननी।

ससुराल मुझे तो अभी मालूम नहीं मालूम नहीं क्या होती है सास,

मैं तो अभी सिर्फ मां को जानती हूं मां का है मुझको एहसास।


पिता की ही गोद में घूमना चाहती हूं अभी नहीं चाहिए मुझे सिंदूर,

प्यार तो वहां मिलता नहीं क्योंकि वे हो जाते हैं क्रूर।

चूल्हे की धुएं को मैं अभी नहीं सह पाऊंगी,

बाबुल की बगिया से निकलकर काल कोठरी में ही मर जाऊंगी।

मैं खुद को पहले मजबूत बनाना चाहती हूं।

मैं भी स्कूल जाना चाहती हूं।

पढ़ाई के लिए मुझे भी दे दो घर का एक छोटा सा कोना,

क्योंकि एक नहीं दो - दो परिवार को है मुझे ढोना।

अपनी ही आंखों से मैं देखना चाहती हूं संसार,


मैं सब कुछ खुद ही कर लूंगी फिर आप क्यों होते नहीं तैयार।

आज इस युग में यदि आप मुझे ना पढ़ाओगे,

तो क्या अपने इस भावी पीढ़ी को उज्ज्वल बना पाओगे।

यदि आप चाहते हो इस संसार की भलाई।

तो पहले अपनी बेटी को पढ़ाएं फिर करें विदाई।

आज ज्ञान की दीप जली है घर - घर शिक्षा आई,

पहले अपने बेटी को पढ़ाएं फिर करें विदाई।

तोड़ दे उस पुराने परंपरा को जो है सदियों से चली आई,

पहले अपनी बेटी को पढ़ाएं क्योंकि इसी में है भलाई।

पहले पढ़ाई फिर विदाई।।

धन्यवाद।।



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