गजब की दुनिया,,,
गजब की दुनिया,,,
गौर से देखो मेरे दोस्तों, यह दुनिया दिखने में लगती है बड़ी अजीज।
यहां की चीजें चखकर देखो, है बड़ी लजीज।
जो इसे समझा नहीं वह ठहरा भाग्यहीन, और जो समझ गया वह है बड़ी खुशनसीब।। एक दिन मैं संतों की टोलियां में घुसा तो वहां बड़ी-बड़ी अमृतवाणिया़ं सुनने को मिली,
दूसरी ओर उसी संतों के नाम पर लूटने वाले भी मौजूद थे तब यह ज्ञात हुआ कि यह दुनिया है बड़ी बदतमीज।
यहां की एक-एक चीजें चख कर तो देखो है बड़ी लजीज।
यहां कई तो काम करने को राजी नहीं, तो कई काम करने की चाह में कोसते हैं नसीब।
अमीरों की बिल्डिंग बना बना कर बेचारे थक गए सारे गरीब, समय कहता है- मैं तो सबका हूं पर कोई नहीं मेरे करीब, गौर से देखो मेरे दोस्तों यह दुनिया है बड़ी अजीज।
एक पल के लिए मुझे लगा कि, लोगों से रिश्ते बन जाएंगे फेसबुक से, यूं अपने मिल जाएंगे वहां।
मगर यह मेरा भ्रम था मेरे दोस्तों , यहां रिश्ते बनते हैं गुड लुक से, रखते हैं मतलब लोग यहां सिर्फ चेक बुक से, बनती है पहचान यहां नए-नए सूट बूट से। दिए जाते हैं ललकार यहां झूठ मुठ के।
टूटा मेरा भ्रम और मैं जाग गई,कर ली मैंने दोस्ती अपने नोटबुक से। फिर सवाल मन में आता है यह दुनिया है क्या चीज?
जो इसे नहीं समझा वह तो ठहरा भाग्यहीन है और जो समझ गया वह हैं बडे खुशनसीब, गौर से देखो मेरे दोस्तों यह दुनिया है बड़ी अजीज।