जब कोई बादल पहाड़ों के निकट आने लगे।
जब कोई बादल पहाड़ों के निकट आने लगे।
जब कोई बादल पहाड़ों के निकट आने लगें।
और झुलसती वादियों पर धुंध सी छाने लगें।
हवा में जब रात रानी की लगे खुशबू घुली।
और तुम्हारे गीत दिल के तार जब गाने लगें।
गूंजती हों जब वादियों में मंदिरों की घंटियां।
शाम को जब बकरियों के झुंड घर आने लगें।
तब ये दिल कहने लगेगा तुम यही हो, पास हो।
इस तरह आ कर मिले तुम दूर ग़म जाने लगे
साथ तेरा मिल गया तो दिलों के पंछी उड़ चले।
छू के क्षितिज को जैसे हम वापस यहीं आने लगे
आ के जाने की कभी भी बात ना करना सनम।
तुम जो आए चमन के सब फूल मुस्काने लगे।