जानते हो न तुम
जानते हो न तुम
जानते हो न तुम
उल्फतों का राज,
मोहब्बत करने वाले,
बनते नहीं हमराज,
टूटकर बिखरना होता,
तो प्यार ही क्यों होता,
जिंदगी में गम न होता
तो नशा क्यों होता।
जानते हो न तुम
उल्फतों का राज,
मोहब्बत करने वाले,
बनते नहीं हमराज,
टूटकर बिखरना होता,
तो प्यार ही क्यों होता,
जिंदगी में गम न होता
तो नशा क्यों होता।