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Dhanjibhai gadhiya "murali"

Romance Tragedy

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Dhanjibhai gadhiya "murali"

Romance Tragedy

जानेमन को पुकार

जानेमन को पुकार

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अकेला हूँ फिर भी धूम रहा हूँ मैं,

तेरी यादों के साथ लहरा रहा हूंँ मैं,

कभी न कभी मिलेंगे ओ मेरी जानेमन,

तेरा प्यार से इस्तकबाल करूंगा मैं।


नहीं भूल सकता तेरा मधुर मिलन मैं,

आज भी तस्वीर बसी है मेरे दिल में,

अब न तरसाओ मुझे ओ मेरी जानेमन,

तुझे मेरी बांहों में सिमटा कर रहूंगा मैं।


रात भर तुझे ख्वाबों में देखता हूंँ मैं,

सितारों की महफिल जमाता हूंँ मैं,

क्यूँ तड़पाती हो मुझे ओ मेरी जानेमन,

तेरे आने से महफिल में रंगत लाऊंगा मैं।


चांद में तेरा चेहरा देख रहा हूंँ मैं,

इंतजार कर के मायूस बन गया हूंँ मैं,

दिल की पुकार है ओ मेरी जानेमन,

"मुरली" तेरे बगैर अधूरा हुआ हूँ मैं।



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உள்நுழை

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