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Rochana Singh

Drama

3  

Rochana Singh

Drama

इतनी मोहलत तो दे

इतनी मोहलत तो दे

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क्यों गम पे गम दिए जाते हैं

कुछ तो ठहरो ज़रा शक्ति दे दो,

कि खुशी से इनको सह पाऊं

तुझसे जुल्मों का तेरे

शिकवा न करूं।


खुद को अफसाना

बनाकर पीती रहूं

अरमानों के घरौंदे तो

बहुत कुचले है

पर कुचलने का दर्द तो

कुछ कम होने दो।


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