इश्क़ कहर है ?
इश्क़ कहर है ?
लगता है एक हसीन सपना
जब तक न हो प्यार,
एक बार तो करके देखो
पछताओगे यार।
आ बैल मुझे मार !
इश्क़ कहर है दर्द ज़हर है
सनम सितमगर यार,
चार दिनों की चाँदनी है
अँधेरा फिर संसार।
आ बैल मुझे मार !
बैचैनी और बेसुक़ूनी
बेआरामी बेबसी,
मोहब्बत में मिलते हैं
ये सब ही उपहार।
आ बैल मुझे मार !
ख़ुद लेते हैं मोल मुसीबत
कब माने हैं दिलदार,
उतरो तो इस बीच भँवर में
पा न सकोगे पार।
आ बैल मुझे मार !