इश्क का आशिक
इश्क का आशिक
दिलसे तुज़को चाहता हूं ज़ानेमन,
मै तेरे ईश्क का आशिक हूं,
तु मुज़े याद करे की न करे मै,
तुज़े दिलमें बसाने को तैयार हूं।
क्युं छूपाती है नजर तु मुज़से मै,
तेरी प्यार भरी नज़र चाहता हूं,
तेरे कज़रारे नयनों से मै,
घायल बनने को तैयार हूं।
तेरे चेहेरेकी सुंदरता से मै,
ज़िवनमें ऊजाला चाहता हूं,
गुलाबी हांठोंका पान करनेको मै,
भँवरा बनना चाहता हूं।
सोलाह शिंगार कर आ ज़ाओ मै,
बांहोमें समाने को तैयार हूं,
मेरी महेबूबा बन ज़ाओ "मुरली",
तेरे ईश्क में ड़ूबना चाहता हूं।