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Anand Mishra

Romance Tragedy

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Anand Mishra

Romance Tragedy

इन्तज़ार

इन्तज़ार

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सब भूल गया हूँ मगर कुछ याद सा क्यूँ है

मेरी निगाह में तेरा फिर खाब सा क्यूँ है


जो था नहीं तसकीन ए मुकद्दर मेरा साया

फिर अपने मुकद्दर पे नया ये ताब सा क्यूँ है


तुम आओ के न आओ तुम्ही जानो, है हमे क्या

फिर हर सू हमें ये नया इन्तेजार सा क्यूँ है।


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