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Anand Mishra

Romance

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Anand Mishra

Romance

मुलाकात

मुलाकात

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आज फिर तुमसे अचानक यूं मुलाक़ात हुई 

एक पुराने ख़त से बड़ी देर तलक बात हुई


बहुत देर हुई आंखों में नमी आई है 

आज फ़िर उन्हीं ख़ुशियों के साथ रात हुई 


खुद से बिछड़े के खुद को खो दिया तुझमें, 

खुद को खोया है यूं के तुझसे मुलाकात हुई.


क्यूँ पुरवाइयों की ठंड से दिल जलता है 

अबके सावन ये कैसी शोलों की बरसात हुई.


मेरे हबीब गो के मै तेरा नसीब नहीं

तुझसे हटकर कहां है मेरी कोई जा़त हुई। 


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