सवाल
सवाल
चलो ! आंखों से बता दो
ऐसा क्यूँ है
मेरे सवालों का जवाब
तुम्हारी खामोशी क्यूँ है
खुदा के इन्साफ पे
यकीं तो तुम्हारा भी है
मेरी वफ़ा का जवाब फिर
ये रुसवाइयां क्यूँ हैं
तुम्हारी आँखों की हँसी ही
जो मेरा मकसद था
मेरी आँखों में फिर
आंसुओं का सहरा क्यूँ है।