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Kratikas _WritingTale

Drama

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Drama

इंद्रधनुष

इंद्रधनुष

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एक नहीं सौ रूप मेरे, एक नहीं सौ रंग मेरे,

कभी सीता बनकर अपने कुल को तारती हूँ,

तो कभी दुर्गा बनकर दुष्टों को संघारती हूँ।

ये भी एक रंग है मेरा, देख सकते हो तो देख लो।


मैं श्वेत भी हूँ मैं श्याम भी हूँ,

कभी बादल सी गरजी भी हूँ,

कभी सावन सी बरसी भी हूँ।

ये भी एक रंग है मेरा, देख सकते हो तो देख लो।


मैं लाल भी हूँ मैं नील भी हूँ,

कभी रक्त सी बह जाती,

कभी अपनों के लिए विष भी पी जाती हूँ

ये भी एक रंग है मेरा, देख सकते हो तो देख लो।


मैं हरी भी हूँ मैं बैंगनी भी हूँ,

हरियाली करती अपने घर में,

कभी छटा सी बिछ जाती हूँ

ये भी एक रंग है मेरा, देख सकते हो तो देख लो।


लाखों रंग दुनिया के देखे,

लाखों ढंग लोगों के देखे,

इन्द्रधनुष है नारी शक्ति,

तोड़ सकते हो तो तोड़ लो।

ये भी एक रंग है मेरा, देख सकते हो तो देख लो।।


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