समय का आगाज़
समय का आगाज़
मेरे अल्फाजों को नही मेरे जज्बातों को समझिए,
तपती धूप से गमों को नही, खुशी सी ठंडी रातों को समझिए।
परवाह नही अब ज़िन्दगी के सफर में क्या पाया क्या खोया,
दर्द के पलों को नही, सुकून से भरे उन लम्हों को समझिए।
ज़िन्दगी में अगर तमन्ना है कुछ कर दिखाने की,
औरों को नहीं अपने दिल की आवाज़ को समझिए।
ख़ुदा से अब तक जितना मिला खूब मिला,
कमियों की उदासी को नही, आने वाली नई सौगातों को समझिए।
ज़िन्दगी में हर बार जीतना मुमकिन नहीं,
जीतों को नही, कभी कभी मातों को समझिए।
आसमान की ऊंचाई को समझिए,
सागर की गहराई को समझिए,
जो बीत गया वो बीत गया,
जो होगा वो कोई रोक नहीं पाएगा,
इसलिए आज को समझिए,
अच्छे समय के आगाज़ को समझिए।
