इक़्तिज़ा
इक़्तिज़ा
ये इक़्तिज़ा है मेरी की,
मैं इक़बाल करता हूँ
दिल में तो बेपन्हा मोहब्बत,
और होठों से इंकार करता हूँ,
खुद पर इख्तियार नहीं,
मैं इज़्हार करता हूँ
तुम मेरा इत्तिहाम बता दो,
फिर तुमसे इत्तिहाद करता हूँ,
ये मेरी इल्लत है की,
मैं मुस्कराहट पे मरता हूँ
तू अपना इरादा बता दे
मैं तेरा इंतज़ार करता हूँ।