ईद
ईद
आज ईद का उत्सव है,
चलो अब बाजार चलें।
मीठी सेमियां खरीदेंगे,
चलो कटरा बाजार चलें।
दमदम कुर्ता पहनकर,
मियां फहीम सलीम चले।
हिज़ाब पहनकर सुन्दर,
जब बेग़म घर से निकले।
रौनक है सड़कों पर,
सारे बाजार सजे।
तंदूरी इक़बाल बनाते,
चिकन के लेते मजे।
रफ़ीक भाई फ़ैशन वाले।
कपड़ों में मस्त लगे।
सूट पठानी वो पहने,
सिर पर टोपी सजे।
बेग़म सलमा रिहाना,
बुर्का में बाज़ार चली।
शौहर के लिए लेने,
माया झींगा मछली।
