आपके संग हूँ
आपके संग हूँ
आपके संग मैं हूँ
आपका अधिकार बन
चलो बेफिक्र मैं हूँ
आपका हमराह हर पल
किया हूँ ईजाद
तरकीब अनोखा
आपके होंठों पे उभर
दिखता हूँ अजूबा
ये तमाम मसले मिटा
कर रख दूँगा मैं
झुर्रियां यातनाओं की
छू ना सकेंगे काया आपकी
आपके संग हूँ
आपका लक्ष्य बन कर
थोड़ा लबों को बहका तबस्सुम
मुस्कान बिखेर भी दीजिए
बड़े हसीन शब्द तराश रहे तारीफ में नज्में आजकल
नामुमकिन सा था
आपको गजल सा लिखना
न जाने कितने शब्दों को बांधा जिज्ञासा में आज तक
वास्तव में ये एक
अद्वितीय अहसास है
आपका अस्तित्व मानो ईश्वरीय
तत्व का संयोजित क्रम है
कभी कभी इसी उधेड़बुन में
पूरी रात गुजार लेता जैसे
मैं खोजी हूँ और
आप एक रहस्य
जिसे सुलझाने का
मतलब मोक्ष है यानी
एक अलग ही गुत्थी सा था
आपका होना उम्रभर मगर
एक बार चुम्बन
क्या मिला ख्वाबों में
हमने ग्रंथ ही लिख डाला
वसुंधरा से गगन तक
आपके सौंदर्य पे ।
आपके जैसा हूँ
आपके हृदय में बस कर
उम्मीद सा उजास हूँ
आपके पलकों पे ठहर के
आंधियों और गहरे
अँधेरों को लाँघ
सृष्टि के अंत तक
आपका हूँ कामिल बन कर
भय, क्रोध और विकृत कल्पनाओं के उस पार
आपके संग हूँ
आपका प्रतिबिंब बन कर
आपके संग हूँ
आपकी लिखावट बन कर
भौतिक संसार से हो आध्यात्मिक संसार तक हूँ
आपके यथार्थ में आपका
हिस्सा आपका अंग बन कर
यूं ही नहीं कहता मॉं आपको
आपके तालु पे सज
अर्पित हूँ प्रेम वलय बन कर।