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क़लम-ए-अम्वाज kunu

Romance

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क़लम-ए-अम्वाज kunu

Romance

अपर्णा

अपर्णा

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"अपर्णा"

मुझे बौध है तुम्हारा जाना 

परंतु मैं अबतक इसका शोक नहीं मनाया 

ना ही मैंने विरह में कोई कविता लिखी 

हालाँकि जाना एक किर्या है 

पर मैं इन सब से इतर इसे और करीब आना समझता हूँ 

शायद इसलिए तुम्हारे बाद भी मुझे कभी तुम्हारी कमी महसूस नहीं हुई

अर्थात प्रेम में इतने पास से हो कर अलग हो जाने के बावजूद

 इंतजार ,द्वेष, ईर्ष्या

 ,घृणा, नफ़रत ,क्रोध , आँसू के अलावा 

 मैंने केवल तुम्हारी कल्पना को चुना !



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