हूश्न का ज़ाम
हूश्न का ज़ाम
जल रहा हूं मैं ईश्क की आग में,
सनम आकर दिल में बस जाओ,
ईश्क का गहरा समंदर हूं मैं,
आकर मेरे ईश्क में बह जाओ।
भले ही ईश्क का समंदर हूं सनम मैं
तुम्हारे ईश्क का मैं प्यासा हूं,
ईश्क के लिये तड़प रहा हूं सनम मैं,
आकर तड़प मेरी मिटा जाओ।
ख्वाब देख रहा हु मिलन का सनम मैं
मेरी बांहो में आकर समा जाओ,
मायूस हुआ हूं इश्क के बिना सनम मैं,
आकर जीवन मेरा महेंका जाओ।
ईश्क की तन्हाईयाँ सहे रहा हूं सनम मैं,
दिल में ईश्क की ज्योत ज़ला जाओ,
ईश्क का उज़ाला चाहता हूं सनम मैं,
आकर ईश्क का अंधेरा मिटा जाओ।
नहीं रह सकता तुम बिन सनम मैं,
मधुर मिलन मुझसे तुम कर जाओ,
महफ़िल सज़ाउंगा इश्क की "मुरली",
आकर हूश्न का ज़ाम पिला जाओ।