हसरतें
हसरतें
उम्मीदें अपना दामन छोड़ भी दे, तब भी हसरतें कम नहीं होती !
ख्वाबों को सजाती और परिंदो सी आकाश में लहराती हसरतें !!
तन्हाइयों में बेचैनियों में, किसी हाथ का दमन थामती हसरतें ,
किसे पुकारती,किसे ढूंढती , ये नाकाम सी हसरतें !!
हर हसरत पूरी हो जाये , यह इतना आसान नहीं ,
क्योंकि हर लम्हा जिंदगी मुस्कुराये यह तक़दीर का व्यवहार नहीं !!
जो दिल में उतर जाये ,ऐसी अनजान सी हसरतें ,
जो हर पल यादो के नग्मे बन जाये ऐसी बेजुबान सी हसरतें !!
फ़ासले बढ़ते हैं और ढह जाती है हसरतें ,
कोशिशो को आगाज़ देती, रुकावटे नहीं ये हसरतें !!
इन्हे बांधो मत, इनसे बांध जाओ कहती है ये हसरतें ,
धाराए अपनी दिशाओ की ढूंढो, मंजिले पा लेंगी ये हसरतें !!