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Parul Manchanda

Thriller Others

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Parul Manchanda

Thriller Others

हर्फ़

हर्फ़

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मेरे पास सिर्फ सबूत ना था।

तेरे नाम के काले हर्फे हो चले..

मेरे पास शब्द नहीं थे।

तेरे बरबादियों के चर्चे हो चले।


मेरे पास तो टूटे रास्ते थे..

तेरी तो मंजिल खो चली

मेरी मायूसी में भी सच था..

तेरी नादानी भी झूठ हो चली!


माना के कमज़ोर सही मैं..

मेरे कदम डगमगा जाते है..

पर रास्ते फ़रेब के चलूँ मैं..

ये अर्श मुझे कहाँ रास आते है ॥


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