कौन हूं मैं
कौन हूं मैं
सूरज की पहचान हूं, चाँद की कहानी हूं,
आकाश की उच्चाईयों में बसी एक कहानी हूं।
पानी की बुँद हूं, हवा की लहर हूं,
पृथ्वी की गोदी में बसी एक परी हूं।
वन में बसी हवा हूं, समुद्र की लहर हूं,
जीवन की गहराइयों में बसी एक रहस्य हूं।
मन की गहराइयों में छुपी उम्मीद हूं,
आत्मा की ऊँचाइयों में बसी एक सत्य हूं।
"कौन हूं मैं?" पर सोचते हुए,
खुद से मिली वह अज्ञात हकीकत हूं।
जीवन की राह पर एक सवाल हूं मैं,
"कौन हूं मैं?" यही एक ख्याल हूं मैं।
सितारों की चमक में छुपा एक रहस्य हूं,
सपनों की गहराईयों में छुपा विश्वास हूं।
बारिश की बूँद में छुपी एक कहानी हूं,
धरती की गोदी में बसी ज़िन्दगी की कहानी हूं।
चिरपिंग पशुओं की आवाज़ में छुपी खुशबू हूं,
प्रकृति की सुन्दरता में छुपी अनुभवों की कहानी हूं।
"कौन हूं मैं?" सवाल का उत्तर ढूंढते हुए,
अपनी अस्तित्व की महत्वपूर्ण कहानी हूं मैं।
कौन हूं मैं, यह सवाल अज्ञात सच्चाई,
स्वाभाविक है इस असली विचार की बाई।
सृजनात्मक ऊर्जा, अनंत ज्ञान की धारा,
चित्त की गहराईयों में बसी आत्मा प्यारी ज्यों
सांसों की सहेली, जीवन की मिठास की मिसाल,
धरती के संग, आसमान की बुलंदी में व्याप्त,
कौन हूं मैं, यह जानने का हर पल है एक नया विचार।
सपनों की ऊँचाईयों में बसा अद्वितीय आत्मा,
विश्व की गहराइयों में, अनंत ज्ञान की कहानी,
यही हूं मैं, जगह बनाने वाली विचारों की मल्लिका।