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chandraprabha kumar

Classics

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chandraprabha kumar

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देवी स्कन्दमाता

देवी स्कन्दमाता

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  नवरात्र के पॉंचवे दिन

स्कन्दमाता की पूजा से,

मिलती है सुख -शान्ति 

जो ये करती हैं भक्तों को प्रदान। 


देवासुर संग्राम के सेनापति

भगवान् स्कन्द की माता हैं ये ,

जिसके कारण मॉं दुर्गा का पॉंचवॉं स्वरूप 

स्कन्दमाता के नाम से जाना जाता।


स्कन्दमाता हमें बताती हैं कि 

जीवन स्वयं ही अच्छे बुरे के बीच

एक देवासुरसंग्राम है और हम स्वयं

स्वयं उसके सेनापति हैं। 


हमें शक्ति मिलती रहे

इसलिये स्कन्दमाता की पूजा करें,

यह शक्ति परम शान्ति और 

सुख अनुभव कराती है। 


पार्वती गौरी महेश्वरी

इन्हीं के ये नाम हैं,

इनके विग्रह में भगवान् स्कन्द

बालरूप में इनकी गोद में विराजित हैं। 


ये चतुर्भुजा देवी हैं,दो करों में पद्म है

एक भुजा से स्कन्द को गोद में पकड़े हैं,

एक हाथ आशीर्वाद देने की मुद्रा में है,

ये शेर की सवारी करती हैं। 


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