कागज का हर एक टुकड़ा कई रूपों में दिखता है! कागज का हर एक टुकड़ा कई रूपों में दिखता है!
अपनी ही मुद्रा में कहता है जरा दुनियादारी भी सीखने दो उसे अपनी ही मुद्रा में कहता है जरा दुनियादारी भी सीखने दो उसे
कोशिकाओं में प्राण वायु, प्राणायाम से भरते हैं कोशिकाओं में प्राण वायु, प्राणायाम से भरते हैं
सारथी बन मार्गदर्शन करो, हे कृष्ण ! अवतार लो, सारथी बन मार्गदर्शन करो, हे कृष्ण ! अवतार लो,
कोरे कागज़ का टुकड़ा हूँ चाहे जैसा देखना चाहो दिखता वैसा हूँ।। कोरे कागज़ का टुकड़ा हूँ चाहे जैसा देखना चाहो दिखता वैसा हूँ।।