जीवन हर्षित देख सवेरा चलो भगायें दूर अँधेरा जीवन हर्षित देख सवेरा चलो भगायें दूर अँधेरा
तुझे देख उठते हिल खिलते पेड पौध नव राग में लिपटे बूँद बूँद छूती तुझसे जो झुण्ड के झुण्ड उन्... तुझे देख उठते हिल खिलते पेड पौध नव राग में लिपटे बूँद बूँद छूती तुझसे जो ...
प्रसूनक त्याग ललित को प्राप्त हो किसलय रूप अपनाती हैं। प्रसूनक त्याग ललित को प्राप्त हो किसलय रूप अपनाती हैं।
नाद हृदय में यहां है गूंजे उर से प्रिय के देखो! री सखी! नाद हृदय में यहां है गूंजे उर से प्रिय के देखो! री सखी!
घनन-घनन घन मेघा गरजे,आई पावस रात है। घनन-घनन घन मेघा गरजे,आई पावस रात है।
हे यादव, माधव, बनवारी, इस पावस आओ मेरे गाँव। हे यादव, माधव, बनवारी, इस पावस आओ मेरे गाँव।