श्याम बनवारी श्याम बनवारी
हे मधुसूदन केशव बनवारी तू सृष्टि की दृष्ट्री है युग को राह दिखता है !! हे मधुसूदन केशव बनवारी तू सृष्टि की दृष्ट्री है युग को राह दिखता है !!
रूठे जब तु नेह से तुझे मनाऊंगी सुन माखन मिश्री खिलाऊंगी। रूठे जब तु नेह से तुझे मनाऊंगी सुन माखन मिश्री खिलाऊंगी।
सुध - बुध खोये सबने सब भये हैं मौन I सुध - बुध खोये सबने सब भये हैं मौन I
हे यादव, माधव, बनवारी, इस पावस आओ मेरे गाँव। हे यादव, माधव, बनवारी, इस पावस आओ मेरे गाँव।
राधा-मोहन गोवर्धन धारी शंख-कमल, मोर मुकुटधारी राधा-मोहन गोवर्धन धारी शंख-कमल, मोर मुकुटधारी