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KAVY KUSUM SAHITYA

Abstract

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KAVY KUSUM SAHITYA

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नरेंद्र

नरेंद्र

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हे मधुसूदन केशव बनवारी तू सृष्टि की दृष्ट्री है युग को राह दिखता है !!

धर्म युद्ध के कुरुक्षेत्र का सारथी कहलाता है !! 

हे दामोदर पीताम्बर तेरा कर्म योग जीवन मूल्यों से नाता है !!

चाहे जितने भी दुर्योधन हो युग में मर्दन करता अर्जुन का मान बढ़ाता है !!

गिरधारी ,बनवारी ,कृष्णा युद्ध भूमि युग को गीता का ज्ञान सुनाता है !!


नारायण वासुदेव जीवन संग्रामों में हर सूर्योदय संध्या पांचजन्य बजाता है !!

कृपाला ,दीनदयाला सुन द्रोपदी  करूँण पुकार माधव महिमा नारी मर्यादा बन जाता है !! 

हे पुरुष पुरुषार्थ की प्रेरणा भाग्य भगवान् सुन काल यमन की ललकार युद्ध भूमि से छोड़ रन क्षोड़ कहलाता है !!

हे मधुसूदन केशव बनवारी तू सृष्टि की दृष्टि है युग को राह दिखता है !!

धर्म युद्ध के कुरुक्षेत्र का सारथी कहलाता है !!    

     

 


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