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Manju Rai

Others

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Manju Rai

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सागर बीच कन्हैया

सागर बीच कन्हैया

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सागर बीच फन फैलाये खड़ा कालिया नाग,

ता - थैया नाचे खड़े मोहन I

हर्षित तन - मन सबके मोहित सब नर - नार,

सुध - बुध खोये सबने सब भये हैं मौन I

मोर मुकुट साजे सिर पर,

पैरों में पैजनियां I

कमर करधनी सोहे,

अधरन पे बसियां I

सारे जगत को नाच नाचावे,

वो तो हैं सुदर्शन धारी I

प्रेम से जो पुकारे,

दौड़े आवें बनवारी I



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