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Nand Lal Mani Tripathi pitamber

Others

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Nand Lal Mani Tripathi pitamber

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कोरे कागज का टुकड़ा

कोरे कागज का टुकड़ा

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कोरे कागज़ का टुकड़ा हूँ

चाहे जैसा देखना चाहो

दिखता वैसा हूँ।।

अलग अलग पहचान है मेरी

अलग अलग मैं मुखड़ा हूँ

कोरे कागज़ का टुकड़ा हूँ।।

चला जाता टकसाल तो मैं

मुद्रा रुपया डॉलर येन दीनार पाउंड

स्टर्लिंग हूँ ।

कोरे कागज़ के टुकड़ा हूँ।।                 


राष्ट्र विरासत धरोहर

मेरी शान जन जन की इच्छा

और परीक्षा सम्मान का हिस्सा हूँ।

कोरे कागज़ का टुकड़ा हूँ।।

मुझ पर हो रचते बसते सुंदर

लगते देवोँ की वाणी मेरे ही

मर्यादा की पुस्तक गीता वेद् पुराण

 कहानी किस्सा हूँ ।

कोरे कागज का टुकड़ा हूँ।।

मानो तो वर्तमान शासन

शासक की आशा आदेश

इतिहास काला चिठ्ठा हूँ।

कोरे कागज़ का टुकड़ा हूँ।।

ना मानो तो रद्दी हूँ कचरे

कबाड़ में शामिल पुनर्जन्म

की चाहत में का हिस्सा हूँ।

कोरे कागज का टुकड़ा हूँ।।

 मानव जीवन में संचार

संबाद समाचार का अखबार

नए जमाने में इलेक्ट्रॉनिक

व्यवहार में भी सच्चा हूँ।

कोरे कागज़ का टुकड़ा हूँ।।

जिसकी जो चाहत अक्षर

शब्दों में लिख देता मुझ पर

किसी के भाग्य की कुंडली।

हेरा फेरी का दस्तावेज जिसने

जैसा जिसने जाना समझा

उसके भाव का प्रत्यक्ष प्रमाणिक

वैसा हूँ।

कोरे कागज का टुकड़ा हूँ।।

सादा हूँ साधक साधना विश्वाश

आस्था हूँ।

कोरे कागज़ का टुकड़ा हूँ।।

प्रेयसी के भावों की अभिव्यक्ति

प्रेमी की प्रेयसि की आसक्ति

अभिव्यक्ति कथा कथानक कहानी कविता हूँ।

कोरे कागज़ का टुकड़ा हूँ।।

अंधे क़ानून की आँखे

न्याय अन्याय मंसूबा और मसौदा हूँ झूठ सच्चाई कीआधार साक्ष्य समक्ष पुलिंदा हूँ

कोरे कागज़ का टुकड़ा हूँ।।       


मैं ही गीता कुरान बाइबिल गुरुबाणी का वर्तमान मुझ पर हाथ रख कर

शपथ लेता मानव, मानव

मन सच्चाई का दर्पण हूँ।।

कोरे कागज का टुकड़ा हूँ।।



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