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Hemant Kumar Yadav

Abstract

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Hemant Kumar Yadav

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हे कृष्ण! अब अवतार लो।

हे कृष्ण! अब अवतार लो।

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हे कृष्ण! अब अवतार लो,

हे कृष्ण! परिवर्तन करो,

नीतिकार शकुनि बने,

सत्तालोलुप-द्यूत-क्रीड़ा में लीन हुए..

नीतियां कौरव भई..

महंगाई दुर्योधन हुई..


मुद्रा हस्तिनापुर बनी..

जनता पांडवो- सी विवश हुई..

अर्थव्यवस्था पांचाली बनी..

विपक्ष इन्द्रप्रस्थ सभा बना..

सरकार बधिर धृतराष्ट्र भई..

हे कृष्ण! अब अवतार लो,

हे कृष्ण! परिवर्तन करो।


हे कृष्ण! अब अवतार लो,

हे कृष्ण! परिवर्तन करो,

पांडवों का संबल बनो,

सारथी बन मार्गदर्शन करो,

किसी अर्जुन को गीता ज्ञान दो,

पांचजन्य का शंखनाद करो,


या खुद ही रथ का पहिया तान दो,

हे कृष्ण! अब अवतार लो,

हे कृष्ण! परिवर्तन करो।

हे कृष्ण! अब अवतार लो,

हे कृष्ण! परिवर्तन करो,

कि पांडव दें इन्द्रप्रस्थ सभा को दण्ड,

पांडव करें कौरवों सहित सकुनी का अंत,

बधिर धृतराष्ट्र से मुक्ति मिले,

युधिष्ठिर सी सरकार बने..,


हो जाए दुर्योधन का अंत,

मुद्रा हो सम्पूर्ण स्वतंत्र..,

अर्थव्यवस्था का मान बढ़े,

हे कृष्ण! अब अवतार लो,

पांडवों का संबल बनो,


सारथी बन मार्गदर्शन करो,

हे कृष्ण ! अवतार लो,

हे कृष्ण! परिवर्तन करो,

हे कृष्ण! अवतार लो।


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