यह वक़्त की नसीहत है।
यह वक़्त की नसीहत है।
न कर बातें उन मुद्दों पर,
जिन पर न तेरा अख़्तियार कोई,
न कर वक़्त अपना ख़राब,
न वक़्त कर औरों का ख़राब,
युवा है तो पढ़, आगे बढ़,
यह वक़्त की नसीहत है।
याद रख,
वो सियासतदान हैं,
सियासत उनका पेशा है,
न पहुँचेगी तेरे समर्थन की, तासीर भी उनके दरबान तक,
न कर विरोध, न कर समर्थन,
युवा है तो पढ़, आगे बढ़,
यह वक़्त की नसीहत है।
झंडाबरदार मत बन सियासी लोगों का,
वो उकसायेंगे तुझे,
अपनी सियासी चालों के हिसाब से,
तुझसे गुनाह भी करवाएंगे,
तुझ पर ही लाठी चलवाएंगे,
तुझे गिरफ़्तार भी करवाएंगे,
वो तेरी बर्बादी तक,
तुझे ठगे जाने का अहसास भी नहीं होने देंगे,
युवा है तो पढ़, आगे बढ़,
यह वक़्त की नसीहत है।
- हेमंत "हेमू"
