विरला वीरवान
विरला वीरवान
अपनी कहानी में हर कोई महान होता है,
न कोई गद्दार, न कोई गुनहगार होता है।
जो अपनी कहानी में ग़लती और गुनाह स्वीकार करता है,
वही विरला वीरवान होता है।
लोग पूछते हैं, ऐसे विरले वीरवान कहाँ मिलते हैं,
वो तो विलुप्त हो गए हैं,
मैं कहता हूँ कि वो तुम में ही भूले-भटके से कहीं खो गए हैं।
हर एक में वो विरला वीरवान अभी भी ज़िंदा है,
बस अंतःमन की गहराई में अहंकार, लालसा और द्वेष के
तले कहीं शर्मिंदा है।
अंतःमन की गहराई से हर विषम तल को तोड़ते हुए एक
दिन विरला वीरवान बाहर निकल आएगा,
जो सच को अपनाएगा, इतिहास नया गढ़ जाएगा।
वो दिन तब आएगा, जब सबका अंतःमन होगा शुद्ध,
यह तभी संभव होगा, जब सबका अंतःमन होगा बुद्ध।
जिसका अंतःमन शुद्ध है, वही विरला वीरवान है,
जिसका अंतःमन बुद्ध है, वही विरला वीरवान है।
शुद्ध ही बुद्ध है, बुद्ध ही शुद्ध है,
सत्य ही शुद्ध है, बुद्ध ही सत्य है।
जो सत्य स्वीकारे, वही विरला वीरवान है,
जो सत्य को जी ले, वही विरला वीरवान है।
-हेमंत "हेमू"
