शक्ति
शक्ति
वह शक्ति
न की कभी
जिसकी भक्ति
पर बल से उसके
अब तक जी लिया
वह मेरी धिया
वह मेरी धिया।।
चल दी साथ
ले अपने कंधे
मेरा हाथ
सिर थपका
बल को बल दिया
वह मेरी धिया
वह मेरी धिया।।
हर तिरछे आङे
परवाज पर
संग संग मेरे
न भरी उङान
अंजाम की
खूब सीख दिया
वह मेरी धिया
वह मेरी धिया।।
वक्त यह
बङा भारी है
बिछुङने की
करी सारी तैयारी है
रखा जिसके वास्ते
सौंप उसे दिया
वह मेरी धिया
वह मेरी धिया।।
जगत से न्यारी
सजा मुझे
रखने वाली
सर्व शक्तिशाली
कया सहज होगा
बिन उस ज्योत
जीवन का दिया
वह मेरी धिया
वह मेरी धिया।।
बख्श ईश उसे हर नेमत
साँस साँस सौंप
तुझको अपनी
हूँ इस वर का विनित
बरक्कत से अपनी
भर रख उसकी झोली
हर रात बने दीवाली
हर दिन हो उसकी होली।।
