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Parul Manchanda

Others

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Parul Manchanda

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कवि वेणु

कवि वेणु

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कवि वेणु

क्या है कवि वेणु?


मुरली की धुन बजे 

तो पुकार है कवि वेणु

कवि जो कलम लिखे

वो गुहार है कवि वेणु


शोहरत की भूख है 

तो ताली है कवि वेणु,

मेरी कर्म भूमि की आरती 

करती थाली है कवि वेणु


महान कवियों का 

अंदाज़ है कवि वेणु.

उभरते कवियों का 

ताज है कवि वेणु


इतिहास रचने वालों का 

आधार है कवि वेणु 

दिल से मानो तो 

आभार है कवि वेणु


पंख लगा उड़ने की 

आस है कवि वेणु

अभी शुरुआत है तो क्या 

मेरा विश्वास है कवि वेणु


एक मंच जिसे प्यार से 

प्यार है कवि वेणु

एक ही सागर की बूँदे हम 

बस यही सार है वेणु 

यही सार है वेणु।


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