मिसाल दे इश्क़ की
मिसाल दे इश्क़ की
प्यार पूजन बने जो,
भक्ति में हम रमे जो…
अपना सारा सुकून वार दूं ।
नैन मिले तो जीवन बहार दूं ।
जिताकर भक्ति, मैं अहम् हार दूं ।
मर कर अमर रहे इतना प्यार दूं ।
खो के ख़ुद को अपना सारा संसार दूं ।
रास में रच जाऊ ख़ुद को तार दूं ।
नमक चाहत को, मीठे को खार दूं ।
संसार तज भक्ति स्वीकार दूं ।
आईने-सा प्यार नज़र उतार दूं !
दर्शन-प्रीत में स्वयं को निखार दूं !
प्रेम इतना बेइंतिहा यार दूं !
सामने रहे बस ज़िंदगी गुज़ार दूं !
मन रहे सिमरन में, हाथ सेवाकर दूं !
उतार हो या चढ़ाव प्रभु-पुकार दूं !
आँखें बंद कर जब ईश गुहार दूं !
‘मिसाल दे इश्क़ की’ विचार दूं !
प्यार पूजन बने जो…
भक्ति में हम रमे जो
‘मिसाल दे इश्क़ की’ ऐसा विचार दूं !
