होली आई है
होली आई है
पलाश के जंगल लगे दहकने कि होली आई है l
बसंत लेने लगा अंगड़ाई कि होली आई है l
मौसम में घुलने लगा भाँग कि होली आई है l
सुनाई देने लगे फाग के मधुर तान कि होली आई है l
गूंजे रहे ढ़ोल, नगाड़े की गूंज कि होली आई है l
मौसम में भर रहा चहूँ ओर उल्लास कि होली आई है l
दहक -दहक दहकने लगे पलाश कि होली आई है l
भाने लगी है जल की ठंडी मिठास कि होली आई है l
सर्दी की हो गई है विदाई कि होली आई है l
मौर से महकने लगी अमराई कि होली आई है l
कोयल की कूक लगे सुनाई कि होली आई है l
पतझड़ अब देने लगा दिखाई कि होली आई है l
पकने लगी खेतों में गेहूँ की बाली कि होली आई है l
होने लगी प्रेमियों में मधुर मनुहार कि होली आई है l
प्रकृति में छानें लगी बसंती बहार कि होली आई है l
दिशाओं के निर्मल होने लगे आकाश कि होली आई है l
होली के हुड़दंग देने लगे सुनाइए कि होली आई है l
घुलने लगी पकवानों की मिठास कि होली आई है l
अबीर गुलाल ले हाथ राधा खड़ी तैयार कि होली आई है l
कान्हा मारे रंग भरी पिचकारी की धार कि होली आई है l
