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Lokeshwari Kashyap

Drama Others

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Lokeshwari Kashyap

Drama Others

होली आई है

होली आई है

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पलाश के जंगल लगे दहकने कि होली आई है l

बसंत लेने लगा अंगड़ाई कि होली आई है l

मौसम में घुलने लगा भाँग कि होली आई है l

सुनाई देने लगे फाग के मधुर तान कि होली आई है l

गूंजे रहे ढ़ोल, नगाड़े की गूंज कि होली आई है l

मौसम में भर रहा चहूँ ओर उल्लास कि होली आई है l

दहक -दहक दहकने लगे पलाश कि होली आई है l

भाने लगी है जल की ठंडी मिठास कि होली आई है l

सर्दी की हो गई है विदाई कि होली आई है l

मौर से महकने लगी अमराई कि होली आई है l

कोयल की कूक लगे सुनाई कि होली आई है l

पतझड़ अब देने लगा दिखाई कि होली आई है l

पकने लगी खेतों में गेहूँ की बाली कि होली आई है l

होने लगी प्रेमियों में मधुर मनुहार कि होली आई है l

प्रकृति में छानें लगी बसंती बहार कि होली आई है l

दिशाओं के निर्मल होने लगे आकाश कि होली आई है l

होली के हुड़दंग देने लगे सुनाइए कि होली आई है l

घुलने लगी पकवानों की मिठास कि होली आई है l

अबीर गुलाल ले हाथ राधा खड़ी तैयार कि होली आई है l

कान्हा मारे रंग भरी पिचकारी की धार कि होली आई है l



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