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MD IRFAN

Classics Fantasy Inspirational

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MD IRFAN

Classics Fantasy Inspirational

हमसफर

हमसफर

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मेरी महफिल है उस राह पर,

जहां फकीर कोई और है।।


मुझे ब‌ंटना कुछ और है ?

उनकी तलब ही कुछ और है।।


मेरे किस्से है जिस पन्ने पर,

वो पलट रहा कुछ और है।।


मै लिखा हूं यूं, के वो समझ सके !

और वो पलट रहा कुछ और है।।


मेरे राह की जिन्हे खबर नही,

वो मुसाफिर ही कोई और है।।


जिसे समझ रहा वो "पसंद" है 

जो मुझे समझ चुका कोई और है।।


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