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MD IRFAN

Romance

3  

MD IRFAN

Romance

खफा नामा

खफा नामा

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तू हर्फ सा ,

तू बे ज़र सा ,

किताबों में ,

एक शब्द सा ,

बीमार मै ,

तू नब्ज़ सा ।।


रह गई है अमानत ,

तू सांसो में भी फर्क सा ,

करूं दुआ यही मै ,

तू आइना बे शक्ल सा ।।


लिखे है जो ,

तू ग़ज़ल ना हो ,

ख्वाबों में तू ,

बेखबर ना हो ,

तुम आस में भी हो सदा ,

तू हो सदा अब पेहर न हो ।।


यह रात है तो रात हो 

सुबह का ना आगाज़ हो 

इस रात में हो दर्द भी सर्द

इस सर्द से न इलाज हो ।।



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