रंजिश
रंजिश
मोहब्बत दोस्ती प्यार वफा
किराए के घर थे बदलते रहे !!
है माना की नदियां बड़ी है पर
प्यासे किनारे पर भटकते रहे !!
इबादत तिलावत आदावत दुआ
है जितनी भी करनी थी करते रहे !!
तेरे आंचल से छूटे तो कहां पर गिरे
के लोगो से छुप - छुप के चलते रहे !!
कितना दर्द में था वो एक साकी
मैकदे में यूं पी पी कर गिरते रहे !!
एक मुकदमा चला था हमपर भी
जितने गवाह थे हमारे, बदलते रहे!!
आब ए तल्ख की रंजीज न पूछिए
रातों को उठ कर चेहरे मलते रहे!!
शिकायत गिला खफा अनाएं
ये बुजदिल ही करते है करते रहे!!
एक फूल अर्षों से बीमार है शायद
है जितनी की दुआ वो पलटते रहे!!
ए इरफान कितना गरीब है तेरा हुज़रा
तेरे दोस्त भी सारे झांक कर चलते रहे !!