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MD IRFAN

Others

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आस -काश

आस -काश

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क्यों रो रहा कल मे,

क्यों खोज रहा तू कल को,

जो है नहीं वो "आस" है,

जो चला गया वो "काश" है।।


तू खुद मे जी तेरी रास है,

व्यर्थ ना कर यह तेरा आज है,

जो बीत गया, इतिहास है,

वही ख़ाश है, जो आज है ।।


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