Bhavna Thaker

Classics

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Bhavna Thaker

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"हर रंग जुदा" #rangbarse

"हर रंग जुदा" #rangbarse

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"हर शै के साहब रंग जुदा" 

खुशियों के सब रंग निराले 

उदासीयों का रंग नीला

पूजा का गुलाल अबीर है 

प्रीत का लाल चटक गुलाबी 


मानवता का रंग धवल है 

दोस्ती का ना कोई रंग है

ढ़लती हर रंगों के आगे

होते मस्त कुर्बान फ़किरा


सियासती हरा केसरिया 

बेदाग धवल सा तिरंगा 

दर्द सभर दो रंगों के बीच 

सफ़ेद सच्चाई बन सिमटा


रात भले स्याही सी काली

आदित की किरणों से शोभित

भोर गुलाबी सुनहरी खिलती

हर दिल को है लुभाती


प्रकृति हरियाली ठहरी

नभ दुधिया कभी नीला

कायनात के हर ज़र्रे में 

कुदरत ने करिश्मा किन्हा


एक मानव को दी ये नेमत

मतलब के संग बिन होली के

कितने रंग बदलता

देख माया को हंसता गिरगिट 

इंसान के आगे नतमस्तक 

खुद को बौना समझता।


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