हमसफ़र मेरे
हमसफ़र मेरे
तुम ही बताओ कैसे प्यार नहीं होगा यार उससे
मेरी इतनी केयर करता है
मेरी फैमिली की रिस्पेक्ट करता है
जहां सब लोग मुझमें बदलाव चाहते हैं
वहीं वह मेरा अल्हड़पन स्वभाव चाहता है
मेरी आंखों में आया एक आंसू देखकर
इतना परेशान हो जाता है जैसे तूफ़ान आ गया हो
मेरी एक झलक पाने के लिए बेचैन रहता है
पर कहीं मैं उसे देख ना लूं इस वजह से
अपनी नजरें मुझसे फेर लेता है
जो मैं उदास रहूं, जब तक मेरी मुस्कान उसे ना दिखे
बेताबी से मेरे चेहरे की मुस्कान लाने की कोशिश करता है
तुम ही बताओ कैसे प्यार नहीं होगा यार उससे
दूसरों की मदद करता है
अपनी मम्मी की हर काम में हेल्प करता है
मेरी खामोशी समझता है
मुझे समझता है, मैं नाराज़ रहूं तो मुझे मनाता है
अपनी बे सर पैर की बातों से मुझे हंसाता है
मेरे दिल का हाल समझता है
दूर रहकर भी हमेशा मेरे साथ रहता है
हर दर्द में मुझे संभालने आ जाता है
जानती हूं उसके दिल में मेरे लिए बहुत कुछ है
पर कहीं हमारी दोस्ती खत्म ना हो जाए
इस वजह से हर बार अपने एहसासों को संभाल लेता है
तुम ही बताओ कैसे प्यार नहीं होगा यार उससे
उसे पता है मैं ज्यादा बातें नहीं करती
पर फिर भी मुझ जैसी बोरिंग लड़की से बात करने को तड़पता है
जब उसकी बातों का जवाब मैं सिर्फ हम्म में दूं
तो थोड़ा चिढ़ सा जाता है
अपनी झूठ मूठ की नाराज़गी दिखाकर
मुझसे खुद को मनाने की फरमाइश करता है
जो मैं उसका मज़ाक उड़ाऊं वो भी हँस देता है
मेरी खुशी के लिए खुद का मजाक उड़ाता है
मेरी हंसी सुनने के लिए न जाने कितने ही घंटों तक इंतज़ार करता रहता है
जिस दिन बात न हो उससे दिन कुछ खाली खाली सा लगता है
तुम ही बताओ कैसे प्यार नहीं होगा यार उससे
जब कभी नहीं हो पाती हमारी बात
कैसे नाराज़ हो जाता है
एक छोटा सा सॉरी बोल दो
तो ना जाने उसका गुस्सा कहां चला जाता है
हमेशा मेरी सादगी पसंद करता है
दूसरों की तरह मुझे जज नहीं करता
मेरी छोटी से छोटी बात समझता है
जब ना भी दिखाना चाहूं अपना दर्द उसे
बिन देखे ही मेरे दिल का हाल जान जाता है
ज्यादा बड़ी चाहत नहीं है उसकी
बस दो पल इत्मीनान से बात करना चाहता है
नहीं रोक पाई यार खुद को, उससे इश्क़ करने से
तुम ही बताओ कैसे प्यार नहीं होगा यार उससे...