क्या इजाज़त है?
क्या इजाज़त है?
मैं तुम्हारे होंठों पर हमेशा सजी रहने वाली
मुस्कान बनना चाहता हूं,
क्या इजाजत है?
हजारों अपनों के बीच भी खलने वाली,
वो कमी होना चाहता हूं,
क्या इजाज़त है?
जो सांसों के जरिए तुम्हारे एहसासों में घुल जाए,
वो हर नफस होना चाहता हूं,
क्या इजाज़त है?
जो एक नज़र मुझको देखो, तो सहसा ही
धड़क उठे तुम्हारा दिल,
मैं कशिश भरी वो निगाहें बनना चाहता हूं
क्या इजाज़त है?
तुम्हारी खुशियों में ही नहीं,
तुम्हारे गमों में भी पास होना चाहता हूं
क्या इजाज़त है?
सिर्फ कहने के लिए ही नहीं,
लड़खड़ाते कदमों में तुम्हारा सहारा बनना चाहता हूं
क्या इजाज़त है?
नजदीक रहकर ही नहीं,
दूरियों में भी तुम्हारे साथ होना चाहता हूं
क्या इजाज़त है?
तुम्हें अपनी कमज़ोरी नहीं,
बल्कि अपनी ताकत बनाना चाहता हूं
क्या इजाज़त है?
प्रेम केवल नाम मात्र के लिए नहीं,
विवाह का पवित्र बंधन चाहता हूं
क्या इजाज़त है?
जहां शक की कोई गुंजाइश नहीं,
विश्वास की डोर से बंधा बंधन चाहता हूं
क्या इजाज़त है?
चोरों की तरह छिपकर नहीं,
हक से मिलने का पाक रिश्ता चाहता हूं
क्या इजाज़त है?
तुम अथाह प्रेम में डूबी गंगा सी निश्छल,
मैं इंतजार में तुम्हारे बनारस होना चाहता हूं
क्या इजाज़त है?
मैं उद्गम से गंतव्य नहीं,
उसके बीच का तुम्हारे साथ बीता सफ़र चाहता हूं
क्या इजाज़त है?
तुम्हारा सारा वक्त नहीं,
सुकून के दो पल बिताना चाहता हूं
क्या इजाज़त है?
हर जन्म में, मैं तुम्हारा अर्धांग,
और तुम्हें अर्धांगिनी चाहता हूं,
जो टूटकर भी न टूटे,
मैं बंधन वो अटूट चाहता हूं,
तुम्हीं कहो! क्या इजाज़त है?