Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Reena Sao Ruhani

Tragedy

4  

Reena Sao Ruhani

Tragedy

बेटी बड़ी या बेटा

बेटी बड़ी या बेटा

1 min
331


समाज में यह कैसी कुरुपता छाई

बेटों को तो मिला सम्मान,

परन्तु बेटियां ना किसी को भायीं

नन्ही सी जान वो जो गोद में पल रही थी

दुनिया के रश्मों रिवाजों से दूर वो नासमझ थी

बिन गलती के ही सज़ा उसने हर बार पाई

कोमल सी वह कली जो खिलने से पहले ही मुरझाई

रोती रही वो मां, जिसकी बच्ची को सरेआम मार डाला

धन्य है वह संसार,

जिसकी करुण वेदना किसी ने ना सुना 

दुनिया में कैसा यह अंधकार छाया

बेटी से बढ़कर बेटा प्यारा हुआ

वंश की चाह ने ऐसा घोर पाप किया

भगवान के आशीष को, जो पत्थर समझ ठुकराया

तो सुनो तुम समाज के अंधे रखवालों

दुनिया में न बेटी बड़ी ना बेटा 

मानों दोनों को समान, 

बेटियों को भी दो जीने का सम्मान

इसी सोच से होगा, तुम्हारे जीवन का कल्याण....



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy