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Anjneet Nijjar

Romance

3  

Anjneet Nijjar

Romance

हम तुम

हम तुम

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चुंबकिय छोरों से अलग,

पर मिलने को आतुर,

एक साथ होने को,

एक जैसे होने को,

पर अलग अलग व्यक्तित्व का मान लिए,


तुम तुम और मैं मैं हूँ,

बंधनों से तुम तो स्वच्छंद सी मैं,

इक मीठी सी ग़ज़ल मैं

तो रॉक कॉन्सर्ट से तुम,

काले बादल से तुम

तो छमछम बारिश सी मैं,


कलकल करती नदी मैं

तो समुद्र से शांत तुम,

गुनगुन करते भँवरे से तुम

तो रंगबिरंगी तितली मैं,

रोमांटिक कहानी सी मैं

तो जासूसी नॉवेल से तुम,

ब्लैक कॉफी से तुम

तो अदरक वाली कड़क चाय सी मैं,


तीखे मीठे गोलगपों सी मैं

तो फीके ग्रीन सैलड से तुम,

मौसम की पहली बर्फ से तुम

तो गर्मियों की धूप सी मैं,

दो अलग अलग वजूद,

पर एक से, या एक होने को आतुर,

तुम हम,

हम तुम


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