बादलों के पार सूरज से, जरा मिल आऊंगी, कौन अब रोके मुझे, ऊंचे ही उड़ती जाऊँगी। बादलों के पार सूरज से, जरा मिल आऊंगी, कौन अब रोके मुझे, ऊंचे ही उड़ती ज...
'काफ़िर' हम जैसे हैं, हमारा हाल अच्छा है। 'काफ़िर' हम जैसे हैं, हमारा हाल अच्छा है।
'काफ़िर' चुपचाप सब सुनता जाए ये जरूरी तो नहीं है। 'काफ़िर' चुपचाप सब सुनता जाए ये जरूरी तो नहीं है।
हर नंद (पुत्र) विवेकानन्द बने , नूतन ये हिंदुस्तान करो । हर नंद (पुत्र) विवेकानन्द बने , नूतन ये हिंदुस्तान करो ।
फुदकती चहकती रहती है एक डाल से दूसरी डाल. फुदकती चहकती रहती है एक डाल से दूसरी डाल.
पहले जैसी हो अपनी पृथ्वी सारी और उसका दोहन बंद हो। पहले जैसी हो अपनी पृथ्वी सारी और उसका दोहन बंद हो।