हम जैसे हैं हमारा हाल अच्छा है
हम जैसे हैं हमारा हाल अच्छा है
जंग लगी तलवार है तो क्या, ढाल अच्छा है,
मुफ्त में जो मिल जाए, वो माल अच्छा है।
बातो ही बातों में कितनी भीड़ आ गई,
सोशल मीडिया का ये कमाल अच्छा है।
लूट लो ये गाड़ियाँ, ये दुकानें , ये मकां,
भेड़ियों के ऊपर भेड़ का खाल अच्छा है।
धरना हड़ताल जो ना हो तो फिर मुल्क कैसा?
चुप्पी मारे पड़े रहने से तो बवाल अच्छा है।
खबरदार हमें हल्के में लेने की भूल ना करना,
मुहल्ले में ही सही, हमारा जलाल अच्छा है।
तमाम मसले हैं ज़िंदा, आज भी ज़ेहन में,
खुद पे ना आँच आए तो सवाल अच्छा है।
जिनको शौक है वो जाएं मर मिटें सनम पे,
'काफ़िर' हम जैसे हैं, हमारा हाल अच्छा है।
