सच
सच
वतन के बदलते हुए हालात लिखता हूँ,
वक्त मिलता है तो दिनरात लिखता हूँ।
उन्हें शिकायत है कि तारीफ नहीं लिखते,
लिखता तो हूँ पर सच बात लिखता हूँ।
वतन के बदलते हुए हालात लिखता हूँ,
वक्त मिलता है तो दिनरात लिखता हूँ।
उन्हें शिकायत है कि तारीफ नहीं लिखते,
लिखता तो हूँ पर सच बात लिखता हूँ।